रेड क्रॉस (ICRC) की अंतर्राष्ट्रीय समिति ने मीडिया एक्शन नेपाल (MAN) के साथ साझेदारी करके 28 सितंबर 2018 को काठमांडू में सूचना के लिए सार्वभौमिक अधिगम्‍यता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day for Universal Access to Information IDUAI) मनाया। यह कार्यक्रम देश में लापता हुए व्यक्तियों तथा उनके ठिकाने का पता लगाने के लिए सूचना के अधिकार टूल के उपयोग पर अभिकेन्द्रित था। ICRC मिशन के प्रमुख आंद्रे पेक्‍वेट ने कहा कि ICRC और नेपाल रेड क्रॉस सोसाइटी ने लापता व्यक्तियों के परिवारों के साथ मिलकर काम किया है और अधिकारियों को लापता लोगों के ठौर-ठिकाने के विषय में जवाब देने के लिए सभी संभव प्रयास करने की वकालत की है। मि. पैक्‍वेट ने कहा, “शुरुआत में नेपाल के आंतरिक सशस्त्र संघर्ष के संबंध में ICRC और नेपाल रेड क्रॉस को गुमशुदा 3,248 लोगों की सूचना दी गई थी। फिलहाल, सूची में 1,333 व्यक्ति हैं, जो अभी भी लापता हैं।” इस अवसर पर राष्ट्रीय सूचना आयोग (NIC), जो कि आरटीआई अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सूचना के अधिकार (RTI) के कार्यान्वयन के लिए 2008 में स्थापित संवैधानिक निकाय है, के मुख्य आयुक्त, कृष्ण हरि बंस्‍कोता ने अपने विचार व्‍यक्‍त करते हुए अधिनियम के प्राविधानों के बारे में बताया जिसका उपयोग सरकारी एजेंसियों से जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।

इस बात-चीत में लापता हुए लोगों के परिवार, मीडियाकर्मी तथा नेपाल रेड क्रॉस सोसाइटी के प्रतिनिधि शामिल हुए। ©ICRC, अजय यादव

MAN के अध्यक्ष लक्ष्मणदत्त पंत ने कहा कि सशस्त्र संघर्ष के दौरान लापता हुए लोगों की जानकारी हासिल करने के लिए आरटीआई महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। संघर्ष पीड़ित साझा मंच (CVCP) की सुमन अधिकारी और नेशनल नेटवर्क ऑफ डिसअपियर्ड एंड मिसिंग नेपाल (NEFAD) के अध्यक्ष राम भंडारी ने कहा, हालांकि, राज्य का तंत्र संघर्ष पीड़ितों की समस्याओं का समाधान करने में सक्षम नहीं है। सुशीला चौधरी, जिनकी बड़ी बहन गायब है, ने कहा, “हमने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपनी समस्याओं को साझा किया है, लेकिन उन सभी प्रयासों से कुछ भी नहीं हासिल हुआ है क्योंकि हमें अभी भी अपने प्रियजनों के साथ होने वाली घटना और उनके ठिकाने का कोई पता नहीं है। मुझे उम्मीद है कि हम इस संबंध में कुछ जानकारी प्राप्त करने के लिए सूचना के अधिकार के टूल का उपयोग कर सकते हैं ”। इस बातचीत के दौरान लापता व्यक्तियों के परिवारों के सदस्य, मीडिया कर्मी और राष्ट्रीय समाज के प्रतिनिधि मौजूद थे, जिसका आयोजन पहली बार सूचना के लिए सार्वभौमिक अधिगम्‍यता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस को मनाने के लिए किया गया था।