‘इनेबल मेकाथॉन’ कांसेप्ट का मुख्य उद्देश्य तकनीक, नयी खोज, और वैज्ञानिक तरीकों से प्रोटोटाइप के रूप में विशेष रूप से सक्षम लोगों के लिए सॉल्यूशन और उत्पाद बनाना था । इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए 9 अक्टूबर 2015 को अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति ने सभी इंजीनियर्स, डिज़ाइनर्स, वैज्ञानिक समुदाय, विकलांगजन, मैन्युफैक्चरर्स, हुमनिटरियन्स, निवेशकों, और उद्यमियों का आह्वान किया और उनसे ‘इनेबल मेकाथॉन से जुड़ने की अपील की। कुछ ही दिनों के भीतर इस अपील की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली और दुनिया भर से टीमें इस मुहीम में शामिल हुईं। इस ग्लोबल मुहीम में अलग-अलग देशों से 138 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिनमे से 84 प्रतिभागी भारत से थे।

इस मुहीम को सबसे बड़ी सफलता तब मिली जब अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति द्वारा आयोजित ‘इनेबल मेकाथॉन’ के सभी प्रतिभागिओं को सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ़ सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट) के विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी श्री मुकेश जैन ने समर्थन देने का आश्वासन दिया । श्री जैन ने कहा कि विभाग सभी 138 प्रतियोगियों से जुड़कर उन्हें उनकी मदद कर सकने वाले संगठनों से उन्हें जोड़ना चाहता है ताकि वे अपने विचार को अमली जामा पहना सकें। विकलांगता के बारे में शारीरिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक बाधाओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि ये विचार कोई ऐसा समाधान दे सकते हैं जो विकलांगजनों में निहित सभी संभावनाओं को प्राप्त करने में मदद कर पाएं।

21 और 22 नवंबर को भारत के सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले शहर बंगलौर में पहली बार अलग-अलग क्षेत्र से आये प्रतिभागी एक साथ एक मंच पर आएं और अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति द्वारा द एसोसिएशन ऑफ़ पीपल विथ डिसेबिलिटी में पहली बार इस वर्कशॉप का आयोजन किया गया। यहाँ आने वाले प्रतिभागियों के साथ-साथ दुनियाभर से कई टीमें ऑनलाइन माध्यम से भी जुड़ीं। इसमें भारत के विभिन्न शहरों से 15 टीमों ने हिस्सा लिया और हर टीम को उनके मेंटर से मिलवाने के साथ-साथ ही उन्हें द एसोसिएशन ऑफ़ पीपल विथ डिसेबिलिटी के लाभार्थियों से भी मिलवाया गया जिससे की वो विकलांग लोगों से जुडी समस्याओं को और बेहतर समझ सकें।

इन सभी प्रतिभागियों ने अगले 30 दिनों तक 18 से 21 दिसंबर 2015 को आयोजित बिज़नेस बूटकैंप एंड मेकर्स डे की तैयारी करनी शुरू की जहाँ से टॉप 8 टीमें फाइनल राउंड के लिए चुनी गयीं। ‘इनेबल मेकाथॉन’ की विजेता टीम और उनके आविष्कार के बारे में पढ़िए अगले पोस्ट “इनेबल मेकाथॉन का डेमो डे” में।