इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस (ICRC) ने नेशनल जु‍डीशियल अकादमी (NJA) के साथ साझेदारी करके नेपाल के दो अलग-अलग जिलों (पलपा और चितवन) में न्यायाधीशों, अभियोजकों और अदालतों के अधिकारियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून (IHL) पर 9-12 अप्रैल 2019 को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। आसपास के जिलों के कुल मिलाकर 45 न्यायाधीशों ने अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून (IHL), इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स लॉ (IHRL) ट्रांजिशनल जस्‍टिस (TJ) के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त की। अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में, NJA के उप कार्यकारी निदेशक केदार पौडेल ने कहा, “NJA देश में न्यायिक क्षेत्र के  लिए IHL को बढ़ावा देने में आईसीआरसी के साथ अपना सहयोग जारी रखने के लिए खुश है। कार्यशाला IHL की बेहतर समझ और अंतर्राष्ट्रीय कानून, मानवाधिकार कानून और आपराधिक कानून के साथ इसकी संबद्धता को बढ़ाने में योगदान देगी। यह नेपाल के लिए विशिष्ट महत्व वाली कार्यशाला है क्योंकि देश संक्रमणकालीन न्याय की प्रक्रिया से गुजर रहा है।” आईसीआरसी जारी संक्रमणकालीन न्याय प्रक्रिया और IHL की प्रासंगिकता के मद्देनजर न्यायपालिका तक पहुंचने के लिए 2016 से NJA के साथ साझेदारी कर रही है। अब तक इस तरह की सात कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है जिनके माध्‍यम से 150 से अधिक न्यायाधीश लाभान्वित हुए हैं। आईसीआरसी की क्षेत्रीय कानूनी सलाहकार किर्स्‍टी वेल्‍च विशेषज्ञ वक्ता के रूप में कार्यशाला में शामिल हुईं ।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए नेपाल में आईसीआरसी मिशन के प्रमुख आंद्रे पैक्‍वेट ने कहा, “संघर्ष की समाप्ति के 12 साल बाद, हम संघर्ष-पीड़ितों की आज भी देखभाल कर रहे हैं। हम संघर्ष के पीड़ितों के लिए स्थिति पर चर्चा करने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून लागू करने के बारे में भी चर्चा करने और नेपाल सरकार और संघर्ष-पीड़ित संघों के अनुरोध पर दिशानिर्देश और प्रक्रियाओं के निर्माण में मदद करने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने आगे कहा, “1949 की जिनेवा कन्वेंशनों की 70 वीं वर्षगांठ पर, आईसीआरसी का लक्ष्य राज्यों और उनके समाजों से जिनेवा कन्वेंशनों के बुनियादी नियमों को फिर से प्रतिबद्ध करना है और IHL की सार्वभौमिक स्वीकृति और कार्यान्वयन को बढ़ावा देना है।”