प्रेस इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (PII) और इंटरनेशनल कमेटी ऑफ दि रेड क्रॉस (ICRC) नई दिल्ली क्षेत्रीय प्रतिनिधिमंडल के द्वारा संयुक्त रूप से मानवीय विषय पर सर्वश्रेष्ठ लेख और तस्वीर के लिए 12 वें संस्करण PII-ICRC वार्षिक पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा चेन्‍नई में 21 सितंबर, 2018 को की गई। इस वर्ष, इस पुरस्कार का विषय ‘जीवन में स्वास्थ्य और स्वच्छता में नवाचार के माध्यम से परिवर्तन’ था। ओडिशा में काम करने वाली एक स्वतंत्र पत्रकार, राखी घोष ने अपने लेख ‘कनास ग्रामीण साधारण गतिविधियों से पानी को सुरक्षित बनाते हैं’ के लिए पहला पुरस्कार जीता, जो विलेज स्क्वायर वेबसाइट पर दिखाई दिया था । कहानी में दिखाया गया है कि ओडिशा के एक तटीय गाँव के निवासियों के हस्तक्षेप ने तालाबों और नलकूपों के पानी को उपभोग के लिए सुरक्षित बना दिया है। असम की रहने वाली सरिता संतोषिनी को इंडियास्पेंड के लिए लिखे, उनके लेख ‘टेक्स्ट मैसेज सबसे ज्यादा मातृ मृत्यु वाले राज्य में जीवन बचाते हैं’ के लिए दूसरा पुरस्कार मिला। इसी श्रेणी में तीसरी विजेता, मैत्री पोरेचा को उनके व्यावहारिक लेख ‘मोबाइल फोन्स हैंड-होल्‍ड मदर्स थ्रू प्रेग्‍नेंसी’ के लिए सम्मानित किया गया जो कि डेली न्यूज एंड एनालिसिस (डीएनए) में प्रकाशित हुआ था। सर्वश्रेष्ठ फोटो श्रेणी में, राजस्थान पत्रिका के वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट नीरज गौतम ने पहला पुरस्कार जीता। उनके फोटो ने राजस्थान के एक छोटे से गांव मानपुरा में पानी के पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण के नए तरीके अपनाने वाले लोगों को कैप्‍चर किया, जो गर्मियों के महीनों में पानी की कमी का सामना करता है। तबस्सुम बड़नगरवाला, इंडियन एक्सप्रेस, मुंबई; विक्रम अहमद सईद, फ्रंटलाइन, बेंगलुरु तथा राखी रॉय तालुकेदार, ग्रासरूट्स, जयपुर को सर्वश्रेष्ठ लेख श्रेणी में विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया तथा सर्वश्रेष्‍ठ फोटो श्रेणी में इन्‍द्रानिल मुखर्जी, एजेंस फ्रांस-प्रेस, मुंबई को विशेष पुरस्‍कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्य अतिथि डॉ. जे राधाकृष्णन, प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, तमिलनाडु सरकार, ने नवाचार के माध्यम से बदलते हुए जीवन में मीडिया की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मीडिया में जागरूकता पैदा करने की शक्ति है। एक तस्वीर या लेख अभिकेन्‍द्रण को बदल सकता है और जनसामान्‍य व नीति निर्माताओं का ध्यान उस ओर आकर्षित कर सकता है जो अभी तक उपेक्षित था। ICRC PII के वार्षिक पुरस्कार पत्रकारों को विचारों के पुनर्विकास की सुविधा प्रदान करने और विकासात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।” ICRC क्षेत्रीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख जेरेमी इंग्लैंड ने कहा, “एक दशक से अधिक समय से भारतीय प्रेस संस्थान और ICRC भारतीय मीडिया पेशेवरों द्वारा असाधारण काम को मान्यता दे रहे हैं जो अपने शब्दों और तस्वीरों का उपयोग करते हैं ताकि हमारा ध्यान न सिर्फ मानवीय पीड़ा पर जाए, बल्कि दुनिया भर में आपात स्थितियों और आपदाओं के कारण लोगों के असाधारण लचीलेपन पर भी जाए। मैं यहाँ गर्व महसूस करता हूं कि हम उन लोगों के काम की पहचान करते हैं जो अंडर-रिपोर्टेड और अनदेखे मानवीय मुद्दों के बारे में लिखते हैं।” PII-RIND के निदेशक-संपादक, शशि नायर ने कहा कि ऐसे समय में जब पत्रकारों को भारी दबाव और चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था, उन्हें दिल से मेहनत करने और कुछ उत्कृष्ट काम करने के जुनून के साथ देखना खुशी की बात थी। अवार्ड्स में स्वास्थ्य और स्वच्छता में नवाचार को कवर करने वाले राष्ट्रीय और क्षेत्रीय प्रकाशनों से कई दिलचस्प प्रविष्टियाँ देखी गईं। पहले, दूसरे और तीसरे स्थान के विजेताओं को क्रमशः रु. 1,00,000, रु. 70,000 और रु. 40,000 प्रदान किए गए। विशेष पुरस्कार के विजेताओं को प्रति विजेता रु. 20,000 दिए गए। पहली बार, नेपाल, भूटान और मालदीव में काम करने वाले पत्रकारों से भी प्रविष्टियाँ आमंत्रित की गईं। विषय ‘स्वास्थ्य और स्वच्छता में नवाचार के माध्यम से जीवन में बदलाव करना’ पर आधारित एक पैनल परिचर्चा का भी आयोजन किया गया था। वरिष्ठ पत्रकार और जूरी सदस्य उषा राय, अम्मू जोसेफ और उषा क्रिस के साथ-साथ संजीव सतगुनिया, सहायक संपादक, द हिमालयन टाइम्स, काठमांडू ने अपने परिप्रेक्ष्‍य साझा किए। सुरिंदर ओबेराय, राजनीतिक सलाहकार, ICRC नई दिल्ली, ने कार्यक्रम का संचालन किया PII और ICRC द्वारा स्थापित पुरस्कार मानवीय रिपोर्टिंग के क्षेत्र में पत्रकारों के उत्कृष्ट कार्य को बढ़ावा देने और उन्‍हें मान्‍यता देने के लिए दिए जाते हैं। अधिक जानकारी के लिए, दीप्ति सोनी, ICRC से ईमेल dsoni@icrc.org पर संपर्क करें या 9810312913 पर कॉल करें या शशि नायर, PII को 9042231343 पर कॉल करें।