राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटियाला के (बाएं-दाएं) आदित्य ग्रोवर और सुगंधा साहनी तथा उशशि दत्ता MEA के संयुक्त सचिव नरिंदर सिंह, प्रो. बी.टी. कौल, मेजर जनरल नीलेंद्र कुमार तथा न्यायमूर्ति कामेश्वर राव से विजेता की ट्रॉफी प्राप्त करते हुए।
हेनरी डुनैंट मेमोरियल मूट कोर्ट प्रतियोगिता के 18 वें संस्करण का 16 सितंबर 2018 को रोमांचक समापन हुआ जिसमें राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (RGNUL), पटियाला विजेता बना जबकि मुंबई नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (MNLU), मुंबई उपविजेता रहा। इस साल इस प्रतिष्ठित खिताब के लिए पूरे भारत से 47 टीमों ने प्रतिस्पर्धा में प्रतिभाग किया। राष्ट्रीय प्रतियोगिता के विजेता नवंबर में ईरान के तेहरान में आयोजित होने वाले क्षेत्रीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगे।
मेजर जनरल निलेन्द्र कुमार ने समापन सत्र में अपने विचार व्यक्त करते हुए, कहा कि हेनरी डुनैंट मेमोरियल मूट कोर्ट प्रतियोगिता सर्किट में सबसे अधिक मांग वाले कार्यक्रमों में से एक है। उन्होंने छात्रों को चुनौतीपूर्ण राउंड के दौरान उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई भी दी। दिल्ली न्यायिक अकादमी के चेयरपर्सन प्रोफेसर बी टी कौल ने बड़े पैमाने पर भागीदारी की बात कही। उन्होंने विषय के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “IHL सब कुछ शामिल करता है और घरेलू कानून को भी प्रभावित करता है।” प्रतियोगिता में पहली बार न्यायाधीश के रूप में अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए, माननीय न्यायमूर्ति कामेश्वर राव, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि छात्रों ने उत्कृष्ट वक्तृत्व और तर्क कौशल का प्रदर्शन किया। उन्होंने टीमों को बधाई दी और कहा कि इस तरह के मंच से कानून के छात्र बेहतर वकील बन सकते हैं।
भारत सरकार के MEA के विधि एवं संधि अनुभाग के संयुक्त सचिव, नरिंदर सिंह ने कहा, “न्यायाधीशों के लिए एक कठिन विकल्प था क्योंकि अंतिम दौर में मूटर्स बहुत मजबूत थे। ICRC और ISIL को इस तरह की अच्छी प्रतियोगिता के आयोजन के लिए धन्यवाद।”
मुंबई नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की उपविजेता टीम की नवनीता शंकर, श्रद्धा चक्रवर्ती और स्नेहा धोटे।
राजीव गांधी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की उशशि दत्ता, आदित्य ग्रोवर और सुगंधा साहनी ने विजेता टीम बनाई। वे अगली ईरान में होने वाली क्षेत्रीय दौर की प्रतियोगिता के बारे में स्पष्ट रूप से उत्साहित थे। मुंबई नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की टीम में नवनीता शंकर, श्रद्धा चक्रवर्ती और स्नेहा धोटे, सभी महिलाएं शामिल थीं। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में होने से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी कानून के बारे में चर्चा करने के लिए एक मंच प्रदान किया गया जो कि उत्साहवर्धक है।
जामिया मिलिया इस्लामिया के अर्काप्रवा दास, ऋषिका जैन और अहमद अम्मार ने सर्वश्रेष्ठ स्मारक पुरस्कार जीता। डॉ. अम्बेडकर विश्वविद्यालय, चेन्नई के कैरोल जेम्स और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ, रांची के पूरवीनेमा को संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता का पुरस्कार मिला, जबकि निरमा विश्वविद्यालय, अहमदाबाद के नवीन सिंह और राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय, भोपाल के उत्सव गर्ग, दोनों को सर्वश्रेष्ठ अधिवक्ता घोषित किया गया।