भारतीय सेना की सेंटर फॉर यूनाइटेड नेशंस पीसकीपिंग (सी.यु.एन.पी.के) और अंतराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति के संयुक्त प्रयास से नयी दिल्ली में दो दिन के क्षेत्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया . 9 और 10 सितम्बर 2015 को आयोजित इस सेमीनार का विषय था “संयुक्त राष्ट्र से सम्बंधित शान्ति अभियानों के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानूनों (आई.एच.एल) के समक्ष समकालीन चुनौतियां” .भारत ने भी इस सेमीनार में अंतर्राष्ट्रीय शान्ति अभियानों से जुड़े अपने अनुभवों को सभी क्षेत्रिओं प्रतिनिधिओं के समक्ष रखा .

इस तरह का आयोजन दक्षिण एशिया में पहली बार किया गया . यु.एन फ़ोर्स कमांडर रह चुके भारतीय सेना के 3 चोटी के जनरलों ने अपने गहन अनुभवों को सभी प्रतिभागीओं और आयोजकों सामने साझा किया . इनमे सूडान में फ़ोर्स कमांडर और यु.एन सेक्रेटरी जनरल के पूर्व सलाहकार रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल आर.के. मेहता, युगोसल्विया (यु.एन.पी.आर.ओ.एफ.ओ.आर.) में यूनाइटेड नेशन के अभियान में फ़ोर्स कमांडर रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल नम्बिअर और डी.आर.सी (एम.ओ.एन.यु.एस.सी.ओ.) में यूनाइटेड नेशन के अभियान में फ़ोर्स कमांडर रह चुके लेफ्टिनेंट जनरल चन्द्र प्रकाश शामिल थे .

दो दिन की ये चर्चा निम्नलिखित विषयों के इर्द गिर्द हुई . • लिंग आधारित हिंसा को कम करने में संयुक्त राष्ट्र शांति दल में महिला सदस्यों की भूमिका • इंगेजमेंट के नियमों ( ROEs ) और बल के प्रयोग से संबंधित मुद्दे • सशस्त्र संघर्ष में नागरिकों और बच्चों की सुरक्षा • शान्ति स्थापना और मानवीय मूल्यों के बीच परस्पर विचार विमर्श • अन्य प्रासंगिक विषय

इस सेमिनार में भाग लेने वाले ज्यादातर लोग सरकारी प्रतिनिधि, विद्याविद, संयुक्त राष्ट्र के संगठनों के प्रतिनिधि थे . इनके अलावा सेंटर फॉर लैंड वारफेयर स्टडीज (सी.एल.ए.डब्लू.एस.) के साथ साथ रक्षा और सामरिक विश्लेषण संस्थान (आई.डी.एस.ए.) के प्रबुद्ध मंडल भी इस आयोजन में शामिल भी थे. 2 दिन के इस सेमिनार की तसवीरें यहाँ हैं  (©आई.सी.आर.सी., आशीष भाटिया)