काठमांडू (आई सी आर सी/एन आर सी एस) – 30 अगस्त को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय गुमशुदा दिवस (इंटरनेशनल डे ऑफ़ दी डिसअपियर्ड) के मौके पर काठमांडू में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ । इस कार्यक्रम के दौरान पिछले एक दशक में गुमशुदा हुए लोगों की ताज़ा सूची भी ज़ारी की गई । इस अवसर पर एक नाटक का मंचन और काव्य संगोष्ठी भी आयोजित की गई ।
इंटरनेशनल कमिटी ऑफ़ दी रेड क्रॉस और नेपाल रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा नेपाल में दशक लंबे चले सशस्त्र संघर्ष के मामले में गुमशुदा हुए लोगो की वार्षिक सूची जारी की जाती है । वर्त्तमान में जारी की गई सूची (जो की ऑनलाइन उपलब्ध है )के अनुरूप १३३५ लोग अभी भी गुमशुदा जनो की सूची में शामिल जिनकी गुमशुदगी एक गंभीर विषय बनी हुई है ।
यह सम्पूर्ण कार्यक्रम उन गुमशुदा जनो के प्रति समर्पित होता जो नेपाल में दशक लंबे चले सशस्त्र संघर्ष के मामले में गुमशुदा हुए है । इस कार्यक्रम का आयोजन तीन प्रमुख संस्थानों, इंटरनेशनल कमेटी ऑफ़ द रेड क्रॉस, द नेपाल रेड क्रॉस सोसाइटी और नेशनल नेटवर्क ऑफ़ द फैमिलीज़ ऑफ़ द डिसअपियर्ड एंड मिसिंग नेपाल (NEFAD) के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की जाती है ।
इस कार्यक्रम में प्रमुख़ रूप से भाग लेने वालों में गुमशुदा जनो के परिवारो के सदस्य, सरकारी अधिकारीगण ,गैर सरकारी एजेंसियों, सुरक्षा बल के लोग, सामाजिक संगठनों , मीडिया और रेड क्रॉस संघठन के लोग होते है ।
नेफाड द्वारा बनाया गया एक विडियो काठमांडू के कमलl पोखरी स्थित रुसी सांस्कृतिक केंद्र यानी रशियन कल्चरल सेंटर में दिखाया गया, यह गुमशुदा लोगों के परिवारों के दुःख और निराशा की आपबीती भरे अनुभवों पर आधारित है । एक काव्य गोष्ठी के संयोजन के अलावा एक नाटक का भी मंचन किया गया, 50 मिनट के इस नाटक को नेपाल के मंडाला थिएटर ग्रुप ने तैयार किया है । यह नेपाल के प्रतिष्ठित थिएटर दलों में शुमार किया जाता है. नाटक का ताना-बाना लापता हुई एक जवान लड़की के इर्द-गिर्द बुना गया है ।
नागरिकों को अपने लापता हुए परिजनों की जानकारी व उनके बारे में सूचना हासिल करने का पूरा हक़ है. आई सी आर सी नेपाल के सम्बद्ध अधिकारियों ही नहीं बल्कि दुनिया भर की सभी सरकारों को समय-समय पर उनके परिवारों को जानकारी प्रदान करने के लिए उनके दायित्व की याद दिलाती है।
इस अवसर पर आई सी आर सी नेपाल के प्रमुख आंद्रे ने इस बात पर ख़ास जोर दिया कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि कमीशन ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन ऑन एनफोर्स्ड डिसअपियर्ड पर्सन्स एंड द ट्रुथ एंड रिकोंसिलिएशन कमीशन प्रभावित हुए लोगों या उनके परिवारों को उन सभी सवालों का जवाब देने की पूरी कोशिश करेगा, जिनका इंतज़ार लोग बहुत लम्बे समय से कर रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय मानवीय क़ानून के तहत यह नागरिकों का अधिकार है। आंद्रे ने आशा जताई कि कमीशन इन परिवारों की अन्य ज़रूरतों पर भी ध्यान देगा। आंद्रे ने इस अवसर पर उन लोगों को भी याद करने का आह्वान किया जो २०१५ के भूकंप व बाढ़ के बाद से लापता हैं ।
आई सी आर सी एक निष्पक्ष, तटस्थ और स्वतंत्र रूप से काम करने वाली संस्था है जो सार्वभौमिक मानवतावादी सिद्धांत व मूल्यों के पालन करने पर जोर देती है। इसका प्रमुख उद्देश्य सशस्त्र संघर्ष या हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की जान और सम्मान की रक्षा करना है। इसके अलावा आई सी आर सी सशस्त्र संघर्ष या हिंसा प्रभावित से प्रभावित या शिकार हुए लोगों को हर संभव सहायता भी उपलब्ध कराती है । आई सी आर सी इस तरह की घटनाओं और उनसे पैदा होने वाली पीड़ा की रोकथाम के लिए मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने और उसे मज़बूत बनाने के गंभीर प्रयास कर रही है. इसके अतिरिक्त वो सारी दुनिया में मान्य सार्वभौमिक मानवीय उसूलों को मजबूती से लागू करवाने की कोशिश भी लगातार ज़ारी रखे हुए है ।
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