जेनेवा सम्मेलन, 1949 की 70वीं वर्षगाँठ को यादगार बनाते हुए, रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आई.सी.आर.सी.) ने काठमांडु स्कूल ऑफ लॉ (के.एस.एल.) की साझेदारी में, विश्वविद्यालय के शिक्षकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून (आई.एच.एल.) पर क्षमता में अभिवृद्धि हेतु, एक कार्यशाला का आयोजन किया। यह आयोजन 21-22 जून 2019 को कावरे में के.एस.एल. के बाहरी परिसर में आयोजित हुआ और इसमें नेपाल रेड क्रॉस सोसायटी के सदस्यों के साथ, आठ संस्थानों के कानूनी, मानवीय तथा समाज विज्ञान विधा के बीस शिक्षाविदों को एक साझा मंच प्रदान किया गया।

पिछले 70 वर्षों के दौरान, सशस्त्र संघर्ष के दौरान पीड़ा को कम करने में, जेनेवा सम्मेलन के तहत् किए गए योगदान और आई.एच.एल. के अनुपालन की चुनौतियों पर प्रतिभागियों ने, विस्तार से चर्चा की। उन्होंने दुनियाभर में बहुत सारे संघर्षों में, इसके लागू करने में आई कमी पर गंभीर चिंता व्यक्त की, जिसके परिणामस्वरूप भारी विनाश हुआ था और अस्वीकार्य मानवीय घटनाक्रम हुए थे। समय के सबसे बुरे दौर के लिए तैयार किया गया, जेनेवा सम्मेलन हमारी आम मानवता के हृदय को संजोता है।

राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, राष्ट्रीय आई.एच.एल. समिति, सुरक्षा बलों और शैक्षणिक संस्थानों के वक्ताओं ने, नेपाल में आई.एच.एल. के अनुकूलन, प्रोत्साहन और इसे लागू करने के लिए इन निकायों के द्वारा किए गए विभिन्न प्रयासों की अद्यतन जानकारी प्रतिभागियों को प्रदान की। इस कार्यशाला में, अपनाए जा रहे तौर-तरीकों के अतिरिक्त, आई.सी.आर.सी. के पास उपलब्ध विभिन्न साधनों और संसाधनों (प्रिंट, ऑनलाइन, वीडियोज, ब्लॉग्स, प्लेफार्म्स) पर विस्तार से चर्चा हुई और विचारों तथा संसाधनों के आपसी आदान-प्रदान पर सहमति प्रदान की गई।

कार्यशाला का समापन, आई.सी.आर.सी. तथा शैक्षनिक संस्थानों के द्वारा विचारार्थ सुझावों के साथ हुआ। इनमें, आई.सी.आर.सी. के ब्लॉग्स तथा कानून और नीति संबंधी प्लेटफार्मो के लिए नेपाल से सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा करना और आई.एच.एल. के पेशेवरों के एक नेटवर्क का विकास करना शामिल था।

के.एस.एल. से प्रोफेसर गीता पाठक संगरौला और आई.सी.आर.सी. के प्रतिनिधियों, डॉ. अनुराधा साईबाबा और कृष्ण चंद्र चालीसे ने परिचर्चा का नेतृत्व किया। जेनेवा सम्मेलन का वर्षगाँठ की विषय-वस्तु पर शैक्षणिक समुदाय के सदस्यों को एक साथ लाने वाली, यह नेपाल में इस प्रकार की पहली कार्यशाला थी। अगस्त माह में एक बड़े आयोजन की योजना बनाई गई है, जिसमें आई.एच.एल. के सभी संबंधित हितधारक शामिल होंगे।