अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून (आईएचएल) पर दक्षिण एशिया शिक्षण सत्र (एसएटीएस) का 33वाँ संस्करण, 25 फरवरी – 2 मार्च 2019 को काठमांडु में आयोजित किया जाएगा। नेपाल के माननीय कानून, न्याय तथा संसदीय कार्य मंत्री, भानु भक्ता ढाकाल, कल 24 फरवरी 2019 को इस आयोजन का उद्घाटन करने वाले हैं, जिसका आयोजन काठमांडु में रेड क्रॉस मिशन की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) के द्वारा किया जा रहा है। सरकारी पदाधिकारियों, सैन्य तथा पुलिस कर्मियों तथा आठ दक्षिण एशियाई देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और ईरान के शैक्षणिक संस्थानों तथा मानवाधिकार और सिविल सोसायटी के सगठनों के सदस्यों सहित 40 से अधिक प्रतिभागी, इस छह-दिवसीय पाठ्यक्रम में शामिल होंगे और इस पाठ्यक्रम में प्रासंगिक विषयों जैसे सशस्त्र संघर्ष के समय आम नागरिकों, बच्चों, सांस्कृतिक परिसंपत्तियों की सुरक्षा, पर शिक्षाविद और विषयगत विशेषज्ञ अपने व्याख्यान दैंगे। युद्ध के साधनों तथा तरीकों और मानवाधिकार कानून, शरणार्थी कानून तथा संक्रमणकालीन न्याय के संबंध में आईएचएल तथा आईएचएल और शांति स्थापना को भी इसमें शामिल किया जाएगा। व्याख्यानों तथा प्रस्तुतियों के अतिरिक्त, सत्र के दौरान पैनल परिचर्चाएँ, मामले के अध्ययन तथा सामुहिक क्रियाकलाप भी होंगे। “एसएटीएस एक ऐसा मंच है, जो प्रतिभागियों को आईएचएल पर उनके ज्ञान को बढ़ाने के लायक बनाता है और जनसेवकों, शिक्षाविदों या सुरक्षा सेवाओं के सदस्यों के रूप में उनके क्षेत्र की विशेषज्ञता के अनुरूप दृष्टिकोणों को साझा करता है।” आंद्रे पके, नेपाल में आईसीआरसी मिशन के प्रमुख ने कहा। “यह आईएचएल के सामयिक चुनौतियों पर विशेषज्ञों को परिचर्चा की अनुमति भी प्रदान करता है।” 1999 में अपने पहले आयोजन के साथ, एसएटीएस एक छमाही आयोजन है और बांगलादेश, भारत, ईरान, पाकिस्तान और श्रीलंका में इसका आयोजन हो जा चुका है। नेपाल ने 2010, 2011, 2013, 2014 तथा 2018 में इसकी मेजबानी की है। काठमांडु में आईसीआरसी ने काठमांडु स्कूल ऑफ लॉ की साझेदारी से, इस समारोह का आयोजन किया है। ट्विटर पर अद्यतन अपडेटों के लिए @ICRC_nd का अनुसरण करें।