![नेपाल सरकार और आईसीआरसी ने सशस्त्र संघर्ष के कानून पर प्रशिक्षण आयोजित किया](https://blogs.icrc.org/app/uploads/sites/93/2018/12/Gokul-Bhandaree-2.png)
ब्रिगेडियर जनरल गोकुल भंडारी, नेपाली सेना, सेन्य उद्देश्यों तथा सैन्य लाभों के बारे में बताते हुए।
रेडक्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति(आईसीआरसी) ने काठमांडु, नेपाल में 10-14 दिसंबर 2018 तक सशस्त्र संधर्ष के कानून (एलओएसी) पर पाँच-दिवसीय पाठ्यक्रम आयोजित किया। नेपाली सेना के वरीय अधिकारियों के लिए इस पाठ्यक्रम को, मानवाधिकार निदेशालय (डीएचआर), नेपाल सरकार के सहयोग से चलाया गया।
उद्घाटन समारोह में बोलते हुए, नेपाली सेना के ब्रिगेडियर जनरल नरेश सुब्बा ने कहा कि सेना की टुकड़ियों को युद्द के नियम सीखने के लिए, शांति का समय सबसे आदर्श समय होता है। काठमाडु में आईसीआरसी मिशन के प्रधान आंद्रे पेक्वेट ने आगे बताया कि आईसीआरसी, नेपाल में सुरक्षा बलों तथा सैन्य प्राधिकारियों के बीच अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून (आईएचएल) को हमेशा से बढ़ावा देता रहा है।
![](https://blogs.icrc.org/new-delhi/wp-content/uploads/sites/93/2018/12/Participants.png)
कुल 25 प्रतिभागियों ने, जिनमें से अधिकांश राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विविध अनुभवों से लैस थे, ने पाठ्यक्रम को पूरा किया। इस प्रशिक्षण में प्रस्तुतिकरण और परिदृश्य आधारित परिचर्चा, दोनो को शामिल किया गया था। चर्चाएँ और अभ्यास – सशस्त्र हिंसा और बल प्रयोग पर समकालीन कानूनी व्यवस्थाएँ; मूलभूत सिद्धांत : विभेद, समानुपात तथा सावधानियाँ; सैन्य उद्देश्य तथा सुनिश्चित सैन्य लाभ; आईएचएल के अंतर्गत व्यक्तिगत राज्य के उत्तरदायित्व; आम नागरिकों की सुरक्षा; नए हथियार तथा साइबर युद्ध जैसे कुछ विषयों पर आधारित थे।
कस्तेनतीनोज मोर्टोपाउलोस, सशस्त्र तथा सुरक्षा बलों के लिए आईसीआरसी के क्षेत्रीय प्रतिनिधि ने पाठ्यक्रम का नेतृत्व किया, जबकि नेपाली सेना ने अन्य सत्रों में व्यख्यान दिया।
![](https://blogs.icrc.org/new-delhi/wp-content/uploads/sites/93/2018/12/IMG-20181211-WA0005-1024x768.jpg)
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विविध अनुभवों से लैस, नेपाली सेना के अधिकारियों ने, पाठ्यक्रम को पूरा किया।
समापन समारोह में, पाठ्यक्रम सफलता पूर्वक पूरा करने के उपरांत प्रतिभागियों को, प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। इस अवसर पर बोलते हुए, ब्रिगेडियर जनरल राजेश्वर भट्टाराई, निदेशक डी.एच.आर., नेपाली सेना ने प्रतिभागियों को बधाई दी और उनसे आग्रह किया कि वे इस ज्ञान को अपने कनिष्ठों के साथ साझा करें।