इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, दिल्ली (IITD) तथा इंटरनेशनल कमेटी ऑफ दि रेड क्रॉस (ICRC) ने ‘मानवतावादी नीति तथा प्रौद्योगिकी मंच’ की शुरुआत करने के लिए समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया है।
मंच का उद्देश्य मानवीय कार्रवाई के लिए नई तकनीकों और अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी कानून (IHL) के साथ संघर्ष की नई तकनीकों के सामंजस्य पर अनुसंधान और चर्चाओं को उत्पन्न करना और सुविधा प्रदान करना है। प्लेटफॉर्म दो प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने वाली कार्ययोजना तैयार करेगा :
(i) मानवतावादी क्रियाकलाप को बेहतर बनाने के लिए नवोन्मेषी प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग; तथा
(ii) अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी कानून (IHL) के लिए संघर्ष की नई तकनीकों का निहितार्थ।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षार करते समय रीजनल डेलिगेशन के प्रमुख जेरेमी इंग्लैंड ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, ”ICRC, IITD के साथ इस साझेदारी को लेकर उत्साहित है, जो भारत का एक महान प्रतिभा का संस्थान है। हम आशा करते हैं कि यह मानवतावादी नीति और प्रौद्योगिकी मंच IIT, ICRC और एशिया क्षेत्र के कई हितधारकों के विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा और विकसित हो रही प्रौद्योगिकियों के संदर्भ में वर्तमान वैश्विक मानवीय नीति संबंधी चुनौतियों से निपटने के लिए आगे ले जाएगा। हमेशा की तरह, रेडक्रॉस मानवीय संकटों से सबसे अधिक प्रभावित लोगों पर ध्यान केंद्रित करेगा और इस पहल में कई हितधारकों की वैज्ञानिक और नीति विशेषज्ञता से सीखने की आशा करता है।”
IIT दिल्ली के निदेशक प्रो. रामगोपाल राव ने समझौता ज्ञापन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “IIT दिल्ली इस मानवतावादी नीति और प्रौद्योगिकी मंच को विकसित करने के लिए ICRC के साथ हाथ मिलाने के लिए सम्मानित और उत्साहित महसूस कर रहा है, जो ICRC के लंबे इतिहास और मानवतावादी गतिविधियों का सहयोग करने में अद्वितीय विशेषज्ञता तथा IIT दिल्ली की प्रौद्योगिकी में गहरी विशेषज्ञता और सार्वजनिक नीति पर ध्यान केंद्रित करने, दोनों की मजबूत बुनियाद पर बनेगा।हमारा मानना है कि यह प्लेटफॉर्म तेजी से तकनीकी विकास के युग में मानवतावादी कार्रवाई में चुनौतियों और अवसरों का जवाब देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। मुझे विश्वास है कि दो संस्थान ज्ञान और समाधान विकसित करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं जो एशिया क्षेत्र और उससे आगे के मानवतावादी कारणों को काफी आगे बढ़ाएगा।”
मानवीय नीति और प्रौद्योगिकी मंच, मानवीय जरूरतों को पूरा करने के लिए वैश्विक मानवतावादी नीतियों और भविष्य की प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग की समीक्षा और परिभाषित करने के लिए भागीदारों के एक प्रासंगिक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ विषय विशेषज्ञों को एक साथ लाने की सुविधा प्रदान करेगा। विकसित तकनीकों के साथ, यह प्लेटफ़ॉर्म महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यह ICRC की वैश्विक मानवतावादी नीति और क्षेत्र के अनुभव और तकनीकी विकास और प्रभाव के चौराहे पर IITD की विशेषज्ञता के बीच एक संवाद स्थापित करने में मदद करेगा।