हैदराबाद में नेशनल व्हीलचेयर बास्केटबाल चैम्पियनशिप के फाइनल में महाराष्ट्र और तमिलनाडु द्वारा पुरुष और महिला वर्ग में जीत हासिल अपने वर्चस्व का लोहा मनवा लिया । महान क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने 9 नवंबर 2017 को आयोजित ग्रैंड फिनाले को स्टेडियम में कई बास्केटबॉल उत्साहियों के साथ देखा और सम्पूर्ण भारतवर्ष से आये प्रतिभागी खिलाड़ियों के उत्कृष्टता को सरहाते उनका मनोबल बढ़ाया।

सहवाग ने कहा कि वे इस राष्ट्रीय चैंपियनशिप के ग्रैंड फिनाले देखने के लिए रोमांचित थे । “इन खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना हमारा कर्तव्य है, अगर हम ऐसा करते हैं तो मुझे लगता है कि वे पैरालिम्पिक्स जीत सकते हैं और देश के लिए पदक ला सकते हैं क्यूंकि उनके पास बहुत अच्छी प्रतिभा है । और यह मायने रखता है,” उन्होंने कहा।

तमिलनाडु की पुरुष टीम शानदार फार्म में थी और पंजाब को पराजित कर पहली बार फाइनल पहुंची थी, वहीँ महाराष्ट्र की टीम शुरुआत से पसंदीदा टीम के रूप में उभरी थी क्योंकि 2014 से, जब से पहली बार राष्ट्रीय चैम्पियनशिप का आयोजन हुआ, टीम ने सफलतापूर्वक इस चैंपियनशिप पर अपना खिताब बरकरार रखा है। महिलाओं की श्रेणी में, तमिलनाडु की महिला टीम को पहली बार फाईनल की दौड़ में आये केरल से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा।

यह पहली बार था जब 200 से अधिक व्हीलचेयर बास्केटबॉल खिलाड़ी – पुरुष और महिला – देश भर से इस राष्ट्रीय स्तर चैंपियनशिप में भाग लेने आये थे । जम्मू-कश्मीर, ओडिशा और छत्तीसगढ़ की महिला टीमों ने पहली बार भाग लिया। ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार और राजस्थान की पुरुष टीमों ने भी इस साल अपनी शुरुआत की। इस राष्ट्रीय चैम्पियनशिप के आयोजन का प्रतिनिधित्व व्हीलचेयर बास्केटबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने किया तथा इनके सहभागी पार्टनर्स के रूप में इंटरनेशनल कमिटी ऑफ़ दी रेड क्रॉस ,आस्ट्रेलियन ऐड ,तेलंगाना राज्य खेल प्राधिकरण और कॉग्निजेंट ने सहयोग किया।

हर साल, खिलाड़ियों ने न केवल खेल के मानक/ प्रतिस्पर्धा स्तर को बढ़ाया है, बल्कि उन्होंने सफलतापूर्वक सामाजिक और सांस्कृतिक अवरोधों को पार किया है। व्हीलचेयर बास्केटबॉल का खेल उनके सामाजिक पुनर्मिलन को बढाने में उत्प्रेरक रहा है ,अब ये खिलाड़ी एक प्रेरणा स्वरूप उभर कर सामने आये है तथा अन्य विकलांगजनो को प्रोत्साहित कर रहे है की वे भी इस तरह के खेलों में भाग ले ।

राष्ट्रीय चैम्पियनशिप से कुछ चित्र प्रस्तुत है (©आईसीआरसी, आशीष भाटिया)