हेनरी डूनांट मूट कोर्ट प्रतियोगिता के 16वें संस्करण का अंतिम चरण काफी रोमांचक रहा। 25 सितम्बर, 2016 को प्रतियोगिता ने एक बहुत रोमांचक मोड़ लिया जब यू आई एल एस, पंजाब विश्वविद्यालय की टीम विजेता घोषित हुई और उनसे काफी करीबी से एक स्थान पीछे रह गए एन एल एस आई यू , बैंगलोर की टीम द्वितीय स्थान पर रही।

समापन सत्र को संबोधित करते हुए एच ई प्रो. (डॉ) कैनेडी गैस्त्रों , महासचिव, ए ए एल सी ओ , नई दिल्ली,  ने उनके प्रयासों के लिए दोनों टीमों की सराहना की। “सभी प्रतिभागी बहुत होनहार हैं और उनकी तैय्यारी भी गजब की है,” उन्होंने कहा। प्रोफेसर बी टी कौल, अध्यक्ष, दिल्ली न्यायिक अकादमी ने कहा कि केवल एक चीज महत्वपूर्ण है और वो है घटनाओं के बारे में तार्किक रूप से सोचना और अदालत की सहायता के लिए सक्षम रहना। अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून (IHL) के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रोफेसर कौल ने पुष्टि की है कि आज का दिन सभी लॉ के छात्रों को एकजुट होकर क़ानून को सुदृढ़ बनाना होगा और सबका इस विषय में प्रयास जारी रहना चाहिए।

यू आई एल एस के रिधि बंसल, सिद्धि बंसल एवं नवदीप सिंह बिर्गी के लिए यह एक बड़ी जीत साबित हुई, क्यूंकि इस विश्वविद्यालय ने पहली बार इस प्रतिष्ठित मूट कोर्ट में अंतिम चरण में अपनी जगह बनायीं थी। अब या टीम क्षेत्रीय चरणों के लिए- जो सम्पूर्ण दक्षिणी एशिया में होंगे, उसकी तैय्यारी करेंगे. यह चरण दिसंबर महीने में दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।

बैंगलोर की टीम में थे डैरेन टोनी लोबो, माधवी सिंह एवं गणेश खेमका. अन्य विजेताओं में हैं जश्ना मर्चेंट, नताशा कव्लाकत एवं आदित्य गुप्ता महाराष्ट्र नैशनल लॉ स्कूल, मुंबई से, जिन्होंने सर्वोच्च मेमोरियल का पुरस्कार भी जीता. कर्णिका वल्लभ, यू एस एल एल एस, जी जी एस आई पी यूनिवर्सिटी ऑफ़ लॉ, चंडीगढ़ एवं निरमा यूनिवर्सिटी के सोनेश जैन ने संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ शिध्कर्ता का खिताब जीता, वही गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई के राघव गेनोडिया, ने सर्वश्रेष्ठ अभिवक्ता का खिताब जीता।

मूट कोर्ट प्रतियोगिता का महत्त्व समझाते हुए जेरेमी इंग्लैंड ने कहा , “मूट कोर्ट में प्रस्तुत की गयी समस्याएं महज़ काल्पनिक नहीं हैं। हम इन्हें असल दुनिया में चल रहे विवादों से जोड़ सकते हैं।”

डॉ. ई एम नचियप्पन, अध्यक्ष इंडियन सोसाइटी ऑफ़ इंटरनेशनल लॉ, ने युवा वर्ग को यह याद दिलाया की एक वकील होने के नाते उन्हें सा सिर्फ देश में बल्कि विदेश में भी अपनी जिम्मेदारियां समझनी होगी ।

निम्नलिखित है मूट कोर्ट प्रतियोगिता के अंतिम दौर के कुछ क्षण तस्वीरों में (©आइसीआरसी, आशीष भाटिया):